

Indus Water Treaty: पहलगाम टेरर अटैक के बाद भारत की ओर से पाकिस्तान पर जो पहला ब्रह्मास्त्र चलाया गया था, अब उसका असर दिखने लगा है. पड़ोसी देश में पानी की कमी को स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है. सूखे जैसे हालात का सामना कर रहे पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की स्थिति आने वाले समय में और भी गंभीर हो सकती है. भारत की ओर से पश्चिमी नदियों पर नियंत्रण बढ़ाने के कदमों का असर पाकिस्तान में गंभीर जल संकट के रूप में उभर रहा है. CNN-News18 द्वारा देखे गए आधिकारिक पाकिस्तानी आंकड़ों के मुताबिक, इस हफ्ते पाकिस्तान के सिंधु बेसिन में बांधों से छोड़े जा रहे जल प्रवाह में लगभग 15% की गिरावट दर्ज की गई है, जो पिछले साल इसी अवधि की तुलना में कम है.
5 जून को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में वॉटर रिलीज गिर कर 1.24 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया, जो पिछले साल इसी तारीख को 1.44 लाख क्यूसेक था. तरबेला डैम (खैबर पख्तूनख्वा) में जलस्तर 1,465 मीटर पर पहुंच चुका है, जबकि इसका डेड लेवल 1,402 मीटर है. चश्मा डैम (पंजाब) में जलस्तर 644 मीटर है, जो डेड लेवल 638 मीटर से मुश्किल से ऊपर है. मंगला डैम (मीरपुर, झेलम नदी) का जलस्तर 1,163 मीटर तक पहुंच चुका है, जो डेड लेवल 1,050 से थोड़ा ही ऊपर है. बता दें कि डेड लेवल जलस्तर की वह सीमा होती है, जिसके बाद पानी को डैम से छोड़ा नहीं जा सकता है